कैसे बने गणपति पाताल लोक के राजा। How Ganpati became the king of the Hades ?
कैसे पाताल लोक के राजा बने गणपति?How Ganpati became the king of the Hades ?
एक बार गणपति, मुनि पुत्रों के साथ पाराशर ऋषि के आश्रम में खेल रहे थे। तभी वहां कुछ नाग कन्याएं आ गईं। नाग कन्याएं गणेश को आग्रह पूर्वक अपने लोक लेकर जाने लगी। गणपति भी उनका आग्रह ठुकरा नहीं सके और उनके साथ चले गए।
नाग लोक पहुंचने पर नाग कन्याओं ने उनका हर तरह से सत्कार किया। तभी नागराज वासुकि ने गणेश को देखा और उपहास के भाव से वे गणेश से बात करने लगे, उनके रूप का वर्णन करने लगे। गणेश को क्रोध आ गया। उन्होंने वासुकि के फन पर पैर रख दिया और उनके मुकुट को भी स्वयं पहन लिया।
वासुकि की दुर्दशा का समाचार सुन उनके बड़े भाई शेषनाग आ गए। उन्होंने गर्जना की कि किसने मेरे भाई के साथ इस तरह का व्यवहार किया है? जब गणेश सामने आए तो शेषनाग ने उन्हें पहचान कर उनका अभिवादन किया और उन्हें नागलोक यानी पाताल का राजा घोषित कर दिया।
किसने दिए गणपति को उनके हथियार?
एक बार शिव कैलाश त्यागकर वन में जाकर रहने लगे। एक दिन शिव से मिलने विश्वकर्मा आए। उस समय गणेश की आयु मात्र छह वर्ष थी। गणेश ने विश्वकर्मा से कहा कि मुझसे मिलने आए हो तो मेरे लिए क्या उपहार लेकर आए हो। विश्वकर्मा ने कहा कि भगवन मैं आपके लिए क्या उपहार ला सकता हूँ? आप तो स्वयं सच्चिदानंद हो।
विश्वकर्मा ने गणपति का वंदन किया और उनके सामने भेंट स्वरुप कुछ वस्तुएं रखीं, जो उनके हाथ से बनी हुई थीं। ये वस्तुएं थीं एक तीखा अंकुश, पाश और पद्म। ये आयुध पाकर गणपति को बहुत प्रसन्नता हुई। Short Story " Kng Of Hades ' Ganpati ' . Astrolger Pt. Krishankant Sharma Ji +91-8107195801
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